On Thursday too, the rupee fell flat against the dollar, reaching an all-time low
The Indian rupee has reached its all-time low. Today, i.e. on January 10, the price of one dollar became 85.97 paise. This is the tenth consecutive week when the rupee has registered a decline.

भारतीय रुपया आज यानी 10 जनवरी को अपने इतिहास के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया, जब एक डॉलर की कीमत 85.97 रुपये हो गई। इससे पहले, गुरुवार को भी डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर था और एक डॉलर 85.93 रुपये का था। यह तीसरा लगातार दिन है जब रुपया अपने पुराने रिकॉर्ड से नीचे बंद हुआ है। इसके अलावा, यह दसवां सप्ताह है जब रुपये में गिरावट लगातार जारी रही है।
क्यों गिर रहा है रुपया
रुपये पर दबाव की मुख्य वजह डॉलर की मजबूती और कमजोर पूंजी प्रवाह है। डॉलर इंडेक्स 109 के ऊपर बना हुआ है, जो दो साल के उच्चतम स्तर के करीब है। अमेरिकी नॉन-फार्म पेरोल डेटा का बाजार में इंतजार किया जा रहा है, जो फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में कटौती की संभावना को प्रभावित कर सकता है। आज भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देश पर कुछ सरकारी बैंकों ने डॉलर बेचा, जिससे रुपये की गिरावट को थामने में मदद मिली।
रुपये पर दबाव बना रहेगा
फाइनेंशियल एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए मिराए एसेट शेयरखान के रिसर्च एनालिस्ट अनुज चौधरी ने कहा कि आने वाले समय में रुपये पर दबाव जारी रह सकता है। उन्होंने आगे बताया, "घरेलू बाजारों की कमजोर स्थिति, मजबूत डॉलर और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा लगातार निकासी रुपये पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। इसके अलावा, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में वृद्धि भी रुपये को प्रभावित कर सकती है।"
आरबीआई के हस्तक्षेप से स्थिरता
डॉलर की मजबूती और वैश्विक आर्थिक असमंजस के चलते रुपये पर लगातार दबाव बना हुआ है। हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक की नियमित हस्तक्षेप से रुपये की गिरावट को नियंत्रित करने में कुछ मदद मिली है। विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा वैश्विक आर्थिक परिस्थितियां और घरेलू कारण रुपये की स्थिति को कमजोर बनाए रख सकते हैं।
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